कुछ मुक्तक .....
तमन्ना - ए - मंजिल कहाँ तक चलूँ,
उम्र भर तो चला, और कितना चलूँ,
डगमगाते कदम, कब्र तक तो चलो,
एक पल को जहाँ मैं ठहर तो चलूँ.
तमन्ना - ए - मंजिल कहाँ तक चलूँ,
उम्र भर तो चला, और कितना चलूँ,
डगमगाते कदम, कब्र तक तो चलो,
एक पल को जहाँ मैं ठहर तो चलूँ.
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चन्द्रमा जब चाँदनी सह, यामिनी में राग गाये,
हर ह्रदय कविता लिखे, औ हर अधर जब गुनगुनाये.
सच समझना, स्वर्ग धरती पर उतर, पाँवों पड़ेगा,
नर ह्रदय यदि, आदमी बन, आदमी को उर लगाये.
..........आनन्द विश्वास
चन्द्रमा जब चाँदनी सह, यामिनी में राग गाये,
हर ह्रदय कविता लिखे, औ हर अधर जब गुनगुनाये.
सच समझना, स्वर्ग धरती पर उतर, पाँवों पड़ेगा,
नर ह्रदय यदि, आदमी बन, आदमी को उर लगाये.
..........आनन्द विश्वास
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