वर्तमान ना व्यर्थ गँवाना.
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना,
उज्वल ‘कल’ है तुम्हें बनाना,वर्तमान ना व्यर्थ गँवाना।
संधर्ष आज तुमको करना है,
मेहनत में तुमको खपना है।
दिन और रात तुम्हारे अपने,
कठिन परिश्रम में तपना है।
फौलादी आशाऐं लेकर, तुम लक्ष्य प्राप्ति करते जाना,
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना।
इक-इक पल है बहुत कीमती,
गया समय वापस ना आता।
रहते समय न जागे तुम तो,
जीवन भर रोना रह जाता।
सत्यवचन सबको खलता है मुश्किल है सच को सुन पाना
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना।
बीहड़ बीयावान डगर पर,
कदम-कदम पर शूल मिलेंगे।
इस छलिया माया नगरी में,
अपने ही प्रतिकूल मिलेंगे।
गैरों की तो बात छोड़ दो, अपनों से मुश्किल बच पाना,
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना।
कैसे ये होते हैं अपने,
जो सपनों को तोड़ा करते हैं।
मुश्किल में हों आप अगर तो,
झटपट मुँह मोड़ा करते हैं।
एक ईश जो साथ तुम्हारे, उसके तुम हो कर रह जाना,
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना।
भाव और बहाव युक्त प्रस्तुति ||
ReplyDeleteअनुपम भाव संयोजन लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
ReplyDeletewah kya khoob likha hai apne ....badhai vishwas ji
ReplyDelete
ReplyDelete♥*♥
♥
आदरणीय आनन्द विश्वास जी
सस्नेहाभिवादन !
बहुत अच्छा गीत है …
बीहड़ बीयावान डगर पर,
कदम-कदम पर शूल मिलेंगे।
इस छलिया माया नगरी में,
अपने ही प्रतिकूल मिलेंगे।
गैरों की तो बात छोड़ दो, अपनों से मुश्किल बच पाना।
पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना।
सुंदर सृजन के लिए बहुत बधाई और आभार !
हार्दिक शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह! वाह! खूबसूरत गीत....
ReplyDeleteसादर बधाईयां...
वाह!!!
ReplyDeleteबीहड़ बीयावान डगर पर,
कदम-कदम पर शूल मिलेंगे।
इस छलिया माया नगरी में,
अपने ही प्रतिकूल मिलेंगे।
सच्चाई बयाँ करती..राह दिखाती रचना...
बहुत सुन्दर प्रवाहमयी प्रस्तुति।
ReplyDeleteतरंगित कर रही है आपकी ओजपूर्ण और प्रवाहमयी रचना...
ReplyDelete.रचनात्मक ऊर्जा से संसिक्त सुन्दर सकारात्मक भाव अभिव्यंजना .बेहतरीन ताजातरीन सद्य स्नाता सी .
ReplyDelete"कैसे ये होते हैं अपने,
ReplyDeleteजो सपनों को तोड़ा करते हैं।
मुश्किल में हों आप अगर तो,
झटपट मुँह मोड़ा करते हैं"
जीवन की हकीकतों से रूबरू कराती भावमयी पंक्तियाँ ...... क्या खूब.
मेरी नई पोस्ट- "दिशा निर्देश",kewaljoshib.blodspot.com. कृपया पधारें.
पिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
ReplyDeleteबेहतरीन रचना !!!!!!