पहले
आँधी धूल उड़ाई,
बड़े
ज़ोर से हवा चलाई।
काले - काले
बादल छाए,
उमड़-घुमड़कर
शोर मचाए।
बदला मौसम बदली छाई,
बारिश आई, बारिश आई।
बदला मौसम बदली छाई,
बारिश आई, बारिश आई।
घना
अँधेरा दिन में छाया,
जाने
कैसी, प्रभु की माया।
होर्डिंग-बोर्डिग
गिरे पड़े थे,
पेड़
गिरे, जो कभी खड़े थे।
वायुयान की शामत आई,
बारिश आई, बारिश आई।
वायुयान की शामत आई,
बारिश आई, बारिश आई।
पानी लेकर खड़ा व्योम था,
पुलकित सबका रोम-रोम था।
झम-झम
झम-झम पानी बरसा,
धरती
का कन-कन अब हरसा।
अब लोगों ने राहत पाई।
बारिश आई, बारिश आई।
अब लोगों ने राहत पाई।
बारिश आई, बारिश आई।
-आनन्द विश्वास
No comments:
Post a Comment