मेरा गुड्डा
मस्त कलन्दर,
नाचे ऐसे जैसे बन्दर
उछल कूद में ऐसा माहिर,
शैतानी उसकी जग जाहिर।
एक बार बस चाबी भर दो,
उछल कूद में ऐसा माहिर,
शैतानी उसकी जग जाहिर।
एक बार बस चाबी भर दो,
फिर
उसको धरती पर धर दो
ऊपर नीचे, नीचे ऊपर,
कभी नाचता सिर नीचे कर।
ऊपर नीचे, नीचे ऊपर,
कभी नाचता सिर नीचे कर।
कभी हाथ
से पैर पकड़ता,
कभी पैर पर नाक
रगड़ता
पैरों को सिर पर रख देता,
और हाथ के बल चल लेता।
पैरों को सिर पर रख देता,
और हाथ के बल चल लेता।
प्यारा गुड्डा
करतब करता,
तरह-तरह
की हरकत करता।
कसरत करता दण्ड पेलता,
हमें खिलाता और खेलता।
कसरत करता दण्ड पेलता,
हमें खिलाता और खेलता।
त्राटक करता,
योगा करता,
और बहुत
से आसन करता।
हरकत वह तब तक ही करता,
जब तक चाबी का दम रहता।
हरकत वह तब तक ही करता,
जब तक चाबी का दम रहता।
और
बाद में
शव-आसन कर,
शान्त लेट
जाता है भू पर
जब-जब भी मैं चाबी भरता,
धमा-चौकड़ी तब ही करता।
-आनन्द विश्वास
जब-जब भी मैं चाबी भरता,
धमा-चौकड़ी तब ही करता।
-आनन्द विश्वास
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