ये सोना, ये चाँदी
ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये मोती,
ये किस काम के हैं, नगीना नहीं हैं।
चाहते हैं जो धन को,
कोसते है जो मन को।
सच कहूँ , जिन्दगी उनको, जीना नहीं है,
ये किस काम के हैं, नगीना नहीं हैं।
चाहते हैं जो धन को,
कोसते है जो मन को।
सच कहूँ , जिन्दगी उनको, जीना नहीं है,
ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये मोती।
कौन क्या है न जानो, किसी को कभी,
बनो खुद ही ऐसे , कि जानें सभी।
काम इतना करो,
घन की उपमा बनो।
फिर बहे जो पसीना, पसीना नहीं है,
ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये मोती।
हार जाओ भले, हार मानो नहीं,
तन से हारो भले, मन से हारो नहीं।
होड़ खुद से करो,
कल से बेहतर बनो।
नेक इंसा से बेहतर, कोई भी नहीं हैं.
ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये
मोती।
अमर प्यार है, क्यों मरे जा रहे हो,
बनाने को हस्ती, मिटे जा रहे हो।
गुलाबी सी बोतल में,
देख तुम जो रहे हो।
सामने आयना है, हसीना नहीं है,
अमर प्यार है, क्यों मरे जा रहे हो,
बनाने को हस्ती, मिटे जा रहे हो।
गुलाबी सी बोतल में,
देख तुम जो रहे हो।
सामने आयना है, हसीना नहीं है,
ये सोना, ये चाँदी, ये हीरे, ये
मोती।
...आनन्द विश्वास
कौन क्या है न जानो, किसी को कभी,
ReplyDeleteबनो खुद ही ऐसे , कि जानें सभी,
काम इतना करो,
घन की उपमा बनो,
फिर बहे जो पसीना, पसीना नहीं है.
ये सोना, ये चाँदी,....waah
कोसते है जो मन को,
ReplyDeleteसच कहूँ , जिन्दगी उनको, जीना नहीं है.
वाह सर! सुन्दर/प्रेरक गीत...
सादर बधाई...
सच कह रहे हैं !
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
बहुत प्रेरक प्रस्तुति...दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteBahut achhi rachna. Aapko tatha aapke pariwar ko deepawali ki hardik subhkamna.
ReplyDeleteबनो खुद ही ऐसे , कि जानें सभी.....
ReplyDeleteयही तो नहीं कर पाता इन्सान .....
नेक इंसा से बेहतर, कोई भी नहीं हैं.
ReplyDeletesach bole.....
सच कहूँ , जिन्दगी उनको, जीना नहीं है.
ReplyDeleteये सोना, ये चाँदी, ...............................
मेरे दिल की बात कह दी।