राजू बोला नानी-नानी,
आज रात भर बरसा पानी।
चन्दा मामा आज न आए,
कैसे टीचर उन्हें पढ़ाए।
अब उन पर जुर्माना होगा,
दस का सिक्का देना होगा।
नानी हँसीं और समझाया,
“रेनी-डे” का राज बताया।
ज्यादा बर्षा जब
होती है,
बिना रुके होती रहती है।
जगह-जगह पानी भर जाता,
आना-जाना भी रुक जाता।
शालाऐं तब खुल ना पातीं,
बच्चों की छुट्टी
हो जाती।
कोई तब स्कूल न
जाता,
वह दिन “रेनी-डे” कहलाता।
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