Monday, 22 July 2024

“रेनी-डे का राज”

राजू    बोला    नानी-नानी,

आज रात भर बरसा पानी।

चन्दा मामा  आज न आए,

कैसे   टीचर   उन्हें  पढ़ाए।

अब उन  पर जुर्माना होगा,

दस का सिक्का देना होगा।

नानी  हँसीं और  समझाया,

रेनी-डे का राज बताया।

ज्यादा  बर्षा  जब  होती है,

बिना  रुके  होती  रहती  है।

जगह-जगह पानी भर जाता,

आना-जाना भी रुक जाता।

शालाऐं तब  खुल ना पातीं,

बच्चों  की  छुट्टी  हो जाती।

कोई   तब   स्कूल    जाता,

वह दिन रेनी-डे कहलाता।

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