अच्छा बोलो, सच्चा बोलो, बात करो दिल खोल कर,
सबको वश में कर
सकते हो, मीठी वीणी
बोल कर।
सच के साथ
ज़मीर तुम्हारा,
खड़ा साथ
में सदा रहेगा।
युगों-युगों तक
हरिश्चन्द्र सा,
बात तुम्हारी
सदा कहेगा।
स्वर्ण-कोकिला यश गाएगी, डाल-डाल पर डोल कर,
अच्छा बोलो, सच्चा बोलो,
बात करो दिल खोल कर।
सच के साथ सदा जग होता,
झूँठा सदा
बिना पग होता।
सत्य-न्याय-पथ चलने वाला,
भरी सभा
अंगद-पग होता।
सारे जग में छा सकते
हो, सत्य-बचन तुम बोल
कर,
अच्छा बोलो, सच्चा बोलो,
बात करो दिल खोल कर।
सत्य - मार्ग कंटक मय होता,
तेज धार
पर चलना होता।
फिसलन भरी राह माया की,
पग-पग जहाँ सम्हलना होता।
फौलादी चट्टान
सरीखे, हर पग
रखना तोल कर,
अच्छा बोलो,सच्चा बोलो,बात करो दिल खोल कर।
अन्दर - बाहर बनो एक
सम,
मन-दर्पण को स्वच्छ बनाओ।
जो दिल में हो, वो मुख पर
हो,
सुचिता निज कर्मों
में लाओ।
अच्छे-अच्छे कर्म करो तुम, मनवा जरा टटोल
कर,
अच्छा बोलो, सच्चा बोलो,
बात करो दिल खोल कर।
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