tag:blogger.com,1999:blog-5180318490361309271.post6946572899904615468..comments2023-10-07T01:26:01.084-07:00Comments on 'Anand Vishvas': सजनवा के गाँव चलेआनन्द विश्वासhttp://www.blogger.com/profile/02666085499584633090noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5180318490361309271.post-65642479204312766262011-08-10T07:04:26.308-07:002011-08-10T07:04:26.308-07:00bahut sundar rachna..bahut sundar rachna..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5180318490361309271.post-75561625401643879222011-08-02T09:42:55.144-07:002011-08-02T09:42:55.144-07:00.
आदरणीय आनन्द विश्वास जी
सादर प्रणाम !
....<br /><br /><br /><br /><b><i>आदरणीय आनन्द विश्वास जी </i></b> <br />सादर प्रणाम !<br /><br />इतने ख़ूबसूरत गीतकार से आज तक मैं वंचित रहा … आज पहली बार आपके यहां पहुंच कर सबसे पहले तो यही अफ़सोस हो रहा है … <br /><br />भाईजी, आपकी लेखनी को और आपको नमन है !<br /><b> </b> ब्लॉग पर लगी बहुत सारी रचनाएं तो पढ़ गया हूं … अभी तसल्ली से और पढ़ूंगा … और बार बार पढ़ने आऊंगा यह भी तय है । फॉलो भी किया है … <br /><b> </b> <br /><br />प्रस्तुत गीत का अंतिम चरण मात्र मन की ख़ुशी के लिए उद्धृत कर रहा हूं क्योंकि आपका पूरा गीत , हर रचना उद्धृत करने योग्य है … <br /><b> दुल्हन आत्मा, चल पड़ी देह से,<br /> दो नयन मिल गये, जा परम गेह से.<br /> माँ की ममता लिये, देह रोती रही,<br /> मग भिगोती रही, प्यार के मेह से.<br /><br /> ममता हँसे, या आँसू झरे,<br /> मेरे पाँव, सजनवा ..............<br /></b> <br />क्या बात है ! बहुत ख़ूब !! साधुवाद !!<br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! <br /></a></b> <br />-राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com